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चुनाव आयोग मोदी का परिवार बन गया, पीएम के ख़िलाफ़ कार्रवाई की हिम्मत नहीं- कपिल सिब्बल

 08 May 2024

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बाबरी मस्ज़िद और राम मंदिर को लेकर प्रधानमंत्री के बयान पर कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का बयान काफ़ी विवादस्पद है और आचार संहिता का भी उल्लंघन करता है। चुनाव आयोग ऐसे बयानों पर ताले लगा सकता है लेकिन आयोग ऐसा नहीं कर रहा है क्योंकि आयोग मोदी का परिवार बन चुका है। कपिल सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी के बयानों से ऐसा लगता है कि उनकी एक्सपायरी डेट आ रही है, जिसकी वज़ह से पीएम मोदी ऐसे बयान दे रहे हैं।



किस बयान पर सिब्बल का पलटवार

पीएम मोदी ने मध्य-प्रदेश के धार में एक रैली के दौरान कहा कि भाजपा इसलिए 400 पार लोकसभा सीटें पाना चाहती है, ताकि कांग्रेस राम मंदिर पर फिर से बाबरी का ताला न लगा दे। इस पर कपिल सिब्बल ने पीएम मोदी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को ऐसी बयानबाज़ी नहीं करनी चाहिये। क्या राम मंदिर पर बाबरी के ताले को लगाया जा सकता है? पीएम मोदी ने क्या कोई भविष्यवाणी की है? यह कैसे संभव है। कपिल सिब्बल ने तंज़ कस्ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आचार संहिता का बार-बार उल्लंघन करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। क्योंकि सभी मोदी के परिवार है।



चुनाव आयोग मोदी को समर्पित

कपिल सिब्बल ने कहा कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री मोदी पर इसलिए कार्रवाई नहीं करता है, क्योंकि आयोग पीएम मोदी और भाजपा के प्रति पूरा समर्पित है। कांग्रेस और अन्य लोगों ने पीएम मोदी के बयानों की जो शिक़ायतें की थी, उसके ज़वाब में आयोग ने भाजपा को नोटिस जारी किया, जबकि नोटिस पीएम मोदी को दिया जाना चाहिये था। पीएम मोदी मंगलसूत्र पर भी विवादित बयान देते है, जिसपर आयोग कोई कार्रवाई नहीं करता है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोग से और क्या ही उम्मीद रखी जा सकती है। यह बहुत शर्मनाक बात है कि आयोग में बैठे हुए लोग अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं कर रहे हैं।



कपिल सिब्बल पहले भी साध चुके हैं निशाना

पीएम मोदी के ख़िलाफ़ कई शिकायतों के बाद भी चुनाव आयोग ने उन्हें कभी नोटिस नहीं भेजा तो कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया था। उन्होंने आयोग की तुलना एक ‘असहाय कठपुतली’ के रूप में की थी। उन्होंने कहा था कि जनता के दबाव के कारण ही आयोग भाजपा अध्यक्ष को नोटिस भेज पाया था, क्योंकि आयोग में मोदी को नोटिस भेजने की हिम्मत ही नहीं है।